विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा मास्क के उपयोग के नियमो में बदलाव- COVID-19
विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा मास्क के उपयोग के नियमो में बदलाव- COVID-19
World health organization (WHO) ने 5 जून 2020 को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मास्क के उपयोग में नए दिशा-निर्देश और कुछ नियमो में बदलाव किये गए हैं !
Note:- जैसे की पहले की तरह ही बताया गया हैं की सिर्फ मास्क पहनने से आप कोरोना वायरस से नहीं बच सकते हैं !
पहले के कुछ नियमो में कोई बदलाव नही किया गया हैं जो की इस प्रकार हैं :-
• जिन व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण हैं वो घर पर ही रहे और बेवजह बाहर न जायें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें !
• जो व्यक्ति कोरोना वायरस से संकर्मित हैं वो सबसे अलग और हेल्थकेयर सेण्टर में रहे और उनके संपर्क में आये सब लोगो को quarantine में रखा जायें !
• अगर किसी अत्यंत आवश्यक कारण से किसी बीमार व्यक्ति या कोरोना मरीज के संपर्क में आये हुए व्यक्ति को बाहर जाना पड़े, तो वो व्यक्ति मेडिकल मास्क लगा कर ही जायें !
• अगर आप किसी सक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं या उनके साथ एक ही कमरे में हैं तो आपको मेडिकल मास्क पहनना हैं !
• हेल्थ वर्कर्स को कोरोना संकर्मित मरीजो के इलाज़, जांच और देखभाल करते वक़्त मेडिकल मास्क के अलावा सभी सुरक्षात्मक किट का भी उपयोग करना हैं !
WHO द्वारा नए नियम और बदलाव :-
• कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मास्क पहनने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ऐसी जगहों पर जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा सकता, वहां मास्क जरूर पहनना चाहिए।
• नए नियमो के अनुसार कोरोना से संकर्मित मरीज के साथ काम करने वाले हेल्थ वर्कर्स के अलावा किसी भी health फैसिलिटी के क्लिनिकल एरिया में काम करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए मेडिकल मास्क पहनना अनिवार्य हैं ! जैसे अगर किसी वार्ड में कोई डॉक्टर राउंड कर रहा हैं और वंहा कोई कोरोना संकर्मित मरीज नहीं हैं फिर भी उनको मेडिकल मास्क पहनना अनिवार्य हैं !
• विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मास्क की गुणवत्ता को लेकर भी निर्देश दिया है। बताया है कि नए शोध के मुताबिक, फेस मास्क को बाजार से भी खरीदा जा सकता है और घर में भी बनाया जा सकता है। घर में कपड़े से तैयार मास्क की तीन परतें होनी चाहिए। इसमें सूत का अस्तर, पोलिएस्टर की बाहरी परत और बीच में पोलिप्रोपायलीन की बनी ‘फिल्टर’ जैसी परत हो, तो ज्यादा बेहतर है। जो लोग बीमार हैं, वे ही केवल मेडिकल ग्रेड का मास्क पहनें।
• मास्क के कुछ नुकसान भी हैं। कपड़े का मास्क गीला होने पर बदला न जाए तो संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही मास्क लगाने वाले लोग ग़लतफ़हमी का शिकार हो जाते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं देते। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों को बार बार धोना भी बेहद जरूरी है।
• दिशानिर्देश में कहा गया है कि भीड़भाड़ वाली जगहो पर लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। खासकर सामुदायिक प्रसार की संभावना वाली जगहों पर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल और अन्य भीड़भाड़ जैसी जगहों पर मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
• केवल फेस मास्क पर बहुत ज्यादा भरोसा करना काफी नहीं होगा। WHO का कहना है कि फेस मास्क इस बीमारी को हराने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा भर हैं और कोरोना से बचने के लिए शारीरिक दूरी बनानी होगी। साथ ही हाथों को साफ रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के अन्य उपायों की भी जरूरत है।
• WHO के प्रमुख ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाले इलाकों के लिए सलाह दी कि जो लोग 60 साल या उससे अधिक उम्र के हैं, या ऐसे लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है, उन्हें ऐसी स्थिति में मेडिकल मास्क पहनना चाहिए, जहां लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखना संभव नहीं है।
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