शिशु को ठोस आहार कब से शुरू करे

विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशानुसार शिशु को छह महीने तक सिर्फ और सिर्फ माँ का ही दूध देना चाहिए I किसी भी परिस्थिति में शिशु को जन्मघुटी या अन्य कोई भी पदार्थ नही देना है I

शिशु को ठोस आहार कब से शुरू करे
शिशु को ठोस आहार कब से शुरू करे

शिशु को ठोस एवं तरल आहार देना कब से और कैसे शुरू करे:-   

अधिकांश माताओं के सामने यह दुविधा होती है कि शिशु को दूध के अलावा अन्य आहार कब से शुरू करे, किस तरह का आहार दे तथा उसको किस तरह से आगे बढ़ाये I इसके अलावा यह प्रश्न भी होता है कि शिशु को माँ दूध किस उम्र तक जारी रख सकते है  

विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशानुसार शिशु को छह महीने तक सिर्फ और सिर्फ माँ का ही दूध देना चाहिए I किसी भी परिस्थिति में शिशु को जन्मघुटी या अन्य कोई भी पदार्थ नही देना है I

6 माह से कम शिशु को सिर्फ स्तनपान (एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग) की जरुरत होती है, इससे शिशु को संपूर्ण पोषण मिलता रहता है और कई भयंकर बीमारियों से भी शिशु को बचाता है I छह माह के बाद शिशु को स्तनपान या फॉर्मूला दूध से पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते है इसलिए शिशु को आवश्यक तत्वों के लिए अन्य आहार की जरुरत होती है। इसलिए 6 माह के पश्चात हाल में शिशु को ठोस आहार शुरू कर देना चाहिए I शिशु को ठोस आहार के साथ-साथ स्तनपान करवाते रहे, जिससे शिशु को पोषण के मुख्य स्त्रोत मिलते रहेंगे I  विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ मंत्रालय की गाइडलाइन्स के अनुसार शिशु के दो साल तक स्तनपान करवाना जारी रख सकते है । स्तनदूध से मिलने वाले पोषक तत्व शिशु को फायदेमंद होते है।
शिशु को उपरी आहार छह माह महीने बाद ही क्यों दे ?

शिशु को छह महीने की उम्र के बाद ही आहार शुरू करने के कई कारण हैं:

  • 6 महीने तक शिशु को सभी पोषक तत्व की पूर्ति स्तनपान दूध से हो जाती हैं। इससे कारण ठोस आहार शुरु करने की जरुरत नहीं होती है ।
  • 6 माह तक शिशु की पाचन क्षमता पूरी तरह से परिपक्व नही होती है । इसलिए छह माह से पहले शिशु के लिए ठोस आहार को पचाना मुश्किल होता है ।
  • ठोस आहार जल्दी शुरु करने से शिशु दूध कम पीने लगता है । जिससे कारण शिशु को उचित मात्रा में कैलोरी, विटामिन और खनिज नहीं मिल पाएंगे। 
     
  • छह महीने की उम्र के बाद ही शिशु भोजन को सही तरीके निगलना शुरू करता है, जिससे शिशु के गले में भोजन के अटकने का खतरा कम हो जाता है।
     

कुछ परिस्थितियों में छह माह से पहले शिशु को ठोस आहार दे सकते ?

कई बार डॉक्टर पांच महीने की उम्र के बाद से ही शिशु को ठोस आहार देने की सलाह देते हैं, यदि उन्हें लगे कि:

  • शिशु का वजन नहीं बढ़ रहा है
  • माँ के दूध कम आ रहा है और शिशु स्तनपान के बाद भी भूखा रहता है

अगर शिशु स्तनपान करता है और आपके परिवार में एलर्जी होने की उच्च संभावना है तो चार महीने की उम्र में ठोस आहार शुरु करने से एलर्जी होने का खतरा कम हो सकता है।


छह माह के शिशु को आहार में क्या-क्या दे सकते है ? जब आपका शिशु छह महीने का हो जाता है, तो आप उसे कई प्रकार के खाद्य पदार्थ दे सकते हैं। वो भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में। इसके साथ ही आपको स्तनपान भी करवाना है ।

  1. बच्चे को शुरूआती दिनों में क्या खिलाना चाहिए:- 6 महीने से लेकर 9 महीने की उम्र के बच्चे को आप निम्न खाद्य पदार्थ खाने में दे सकते है-
  • उबली हुई सब्जी मसलकर दे सकते है
  • फलों और सब्जियों की प्यूरी 
  • सूजी का हलवा या उपमा
  • उबले हुये चावल तथा अनाज जैसे का दलिया  
  • सूप तथा पतली दाल - बच्चों के लिए सूप बनाते समय केवल पानी और हल्का नमक डालें। दाल के पानी में हल्की मात्रा में घी डालेंI  
  • सादा खिचड़ी
  • खीर
  • फलों का गूदा
  • दही
  • चावल
  • उबला हुआ अंडा
  • बादाम
  • पनीर
  1. 10 से 12 महीने के बच्चे को आप थोड़ी मात्रा में ठोस आहार दे सकते हैI शिशु को दिन में दो से तीन बार आप आहार में दे सकते हैI शाम के समय फल काटकर दे सकते हैI 10 से 12 वर्ष तक के शिशु के आहार में निम्न खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते है-
  • शिशु को आहार में स्टार्च युक्त भोजन जैसे- चावल, आलू, खिचड़ी,दाल, दलिया आदि दिन में दो से तीन बार खिला सकते हैI
  • अगर शिशु किसी वस्तु को पकड़ने लगा है तो उसके खाने में ऐसी चीजों को शामिल करे, जिसे वह आसानी से खा सकता है, जैसे कटे हुये फल दे सकते है परन्तु ऐसी चीज देते समय शिशु के पास रहे कई बार शिशु ये शिशु के गले में फंस सकती हैI
  • थोड़ी मात्रा में दही दे सकते है जिससे शिशु की पाचन क्षमता में वृदि होती हैI
  • दाल या उबले हुये आलू के साथ रोटी दे सकते हैI
  • उबली हुयी शकरकंद को भी खिला सकते हैI  

1 वर्ष तक के शिशु को क्या नहीं खिलाना चाहिए- 6 महीने से लेकर 1 वर्ष तक के शिशु को काफी चीजे खाने के लिए दे सकते है फिर भी कई प्रकार के खाद्य या पेय पदार्थ नहीं देना चाहिए, जो शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते है, जैसे-

  • शिशु को नमक ना खिलाये- शिशु के आहार में नमक नहीं मिलाये क्योंकी शिशु के गुर्दे नाजुक होते है जिन्हें नमक से नुकसान हो सकता है
  • शिशु को चाय या कॉफी ना पिलाये- एक वर्ष तक के शिशु को चाय या कॉफी बिल्कुल ना देवेंI चाय और कॉफी टैनिन और कैफीन पाया जाता है, जिसकी वजह से शिशु एनीमिया का शिकार हो सकता हैI
  • तले हुये पदार्थ ना देवे- शिशु को आहार में तले हुए पदार्थ बिल्कुल न देवेंI शिशु का पाचन तन्त्र नाजुक होता है जिसके कारण शिशु को अपच की शिकायत हो सकती हैI तली हुई चीजों में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं होते हैI
  • शिशु को बाहर (बाजार) से बने हुये खाद्य पदार्थ नहीं देने है, सिर्फ घर में बना हुआ आहार देना हैI

शिशु को आहार देते समय क्या-क्या सावधानी रखनी है- शिशु को आहार देते समय कई तरह की सावधानी रखनी है, जैसे-

शिशु को जबरदस्ती खाना खिलाने की कोशिश ना करें, ऐसा करने पर शिशु चोटिल हो सकता हैI

शिशु को 6 माह की उम्र तक केवल स्तनपान ही करवाना हैI

शिशु को शुरुआती दिनों में ठोस आहार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देना शुरू करेंI अधिक मात्रा में देने से शिशु की कोमल आंत के कारण वह उसे पचा नहीं पाता हैI

शिशु को व्यर्थ की चीजों को देने की बजाय पौष्टिक आहार ही देवेंI

सब्जी और फल को मैस करके देवें, कठोर होने पर शिशु को चोट लग सकती हैI 

शिशु को सिर्फ घर पर बना हुआ आहार देना है, घर में आहार बनाते समय कई तरह की सावधानी रखनी है-

  • शिशु के आहार बनाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन से साफ करेंI
  • शिशु के खाने के बर्तन को अच्छी तरह से साफ करें और उबाल कर रखेंI
  • शिशु का आहार बनाने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करेंI
  • फ्रिज में रखी हुई वस्तु को सामान्य तापमान में आने के बाद ही खिलाएंI
  • अगर शिशु को अंडा या मांस खिला रहे हो तो अच्छी तरह से उबालेI
  • पैक की हुई वस्तु काम में ले रहे हो तो उसके निर्माण की डेट और एक्सपायरी डेट अच्छी तरह से देखेंI

पहले 6 महीने शिशु को सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध पिलाना है क्योंकि इससे शिशु को कोलोस्ट्रम मिलता है जो शिशु को कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता हैI यद्यपि हमनें इस ब्लॉग के माध्यम से सभी आवश्यक पहलुओं को बताने की कोशिश की है फिर भी आप अपने शिशु को ठोस या तरल आहार शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरुर लेवेंI